घेवर एक बहुत शानदार पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जो खासकर राजस्थान, हरियाणा, और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में तीज, रक्षाबंधन, श्रावण माह या किसी खास कार्यक्रम पर बनाई जाती है।
घेवर क्या होता है?
- यह एक छत्तेदार, कुरकुरी मिठाई होती है, जो मैदा (आटा), घी (या तूप) और दूध/पानी से तैयार की जाती है।
- घेवर को खास तरीके से गहरे तले हुए तवे या कढ़ाही में पकाया जाता है जिससे इसमें छेददार (जालीदार) बनावट आती है।
- फिर इस पर चीनी की चाशनी डाली जाती है और ऊपर से मावा, मलाई, केसर और सूखे मेवे से सजाया जाता है।
घेवर के प्रकार:
- सादा घेवर – सिर्फ चाशनी और थोड़ा सा ड्रायफ्रूट।
- मावा घेवर – ऊपर मावा (खोया) लगाकर।
- मलई घेवर – मलाई और केसर के साथ सजाया हुआ।
यह मिठाई स्वाद में हल्की कुरकुरी, मीठी और बहुत ही खास होती है।
घेवर बनाने की विधि (4-5 पीस)
सामग्री:
घेवर के लिए:
- मैदा – 1 कप
- घी – 2 टेबलस्पून
- ठंडा दूध या पानी – लगभग ½ कप (धीरे-धीरे मिलाएँ)
- बर्फ के टुकड़े – 2-3 (घोल को ठंडा रखने के लिए)
- बर्फ जैसा ठंडा पानी (घोल पतला बनाने के लिए)
- घी या तेल – तलने के लिए
चाशनी के लिए:
- चीनी – 1 कप
- पानी – ½ कप
- केसर (वैकल्पिक) – कुछ धागे
- इलायची पाउडर – ½ टीस्पून
सजाने के लिए:
- मावा या मलाई
- कटे हुए बादाम, पिस्ता
- केसर का दूध (वैकल्पिक)
बनाने की विधि:
1. घोल तैयार करें:
- एक बाउल में घी डालें और बर्फ के टुकड़े डालकर अच्छे से मथें जब तक घी फुल्की जैसा हो जाए।
- फिर उसमें धीरे-धीरे मैदा और ठंडा पानी डालकर पतला घोल बना लें। घोल बहता हुआ होना चाहिए, गाढ़ा नहीं।
2. तेल गरम करें:
- एक गहरी कढ़ाही में घी या तेल गरम करें (मध्यम आँच पर)।
- जब तेल मध्यम गर्म हो जाए, तब एक चम्मच से थोड़ा घोल ऊपर से गिराएँ – वह झाग बनाते हुए नीचे जाएगा।
3. घेवर तले:
- जैसे ही पहला घोल जम जाए, ऊपर से थोड़ा और घोल डालें। यह प्रक्रिया 3-4 बार दोहराएँ जब तक घेवर की जालीदार परतें बन जाएँ।
- बीच में छेद बनता रहेगा।
- सुनहरा होने तक तलें और फिर निकाल कर ठंडा करें।
4. चाशनी तैयार करें:
- एक पैन में चीनी और पानी डालकर 1-तार की चाशनी बना लें।
- इसमें इलायची और केसर मिलाएँ।
5. सजाएँ:
- ठंडा घेवर लें, उस पर गर्म चाशनी डालें।
- ऊपर से मावा/मलाई, केसर दूध और ड्रायफ्रूट्स डाले और मजे से खाये
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